CG Godhan Nyay Yojana PDF : छत्तीसगढ़ राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश वघेल के द्धारा साल 2020 में छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री गोधन न्याय योजना शुरू की गयी थी। इस योजना का मकसद राज्य के आवारा गौवंश को उपयोगी पशुधन में बदलना है।
छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना के तहत सरकार के द्धारा राज्य के ग्रामीण तथा शहरी इलाकों के पशुपालकों से गोबर की खरीद की जाती है। यानि जो पशुपालक पशुओं को पालते हैं, उन पशुओं से प्राप्त होने वाले गोबर को भी सरकार खरीद लेती है।
जिसके बाद पशुपालकों से खरीदे गये गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार की जाती है, और फिर इस खाद को खुले बाजार में बेंच दिया जाता है। इस योजना पर देश के अन्य राज्यों की भी निगाहें हैं, क्योंकि CG Godhan Nyay Yojana छत्तीसगढ़ की सबसे सफल योजनाओं में से एक है। मुख्यमंत्री भूपेश वघेल ने बजट 2022 को पेश किया था। वह बजट पेश करने के लिये जिस सूटकेस को विधानसभा में लेकर गये थे, वह सूटकेस भी गोबर से बना हुआ था।
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Godhan Nyay Yojana Kya Hai – छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना 2023
गोधन न्याय योजना क्या है : Godhan Nyay Yojana Chhattisgarh में पशुपालकों से गोबर खरीदने के लिये शुरू की गयी है। इस योजना के तहत पशुपालकों से गोबर की सरकारी खरीद की जाती है। जिससे पशुपालकों को गोबर से अतिरिक्त आमदनी होती है।
इस योजना में अब तक राज्य की हजारों गौशालाओं को जोड़ा जा चुका है, साथ ही अनेक ग्रामीण व शहरी पशुपालक भी गोधन न्याय योजना से जुड़े हुये हैं। Chhattisgarh Godhan Nyay Yojana के तहत सरकार के द्धारा 2 रूपये प्रति किलो की दर से गोबर खरीदा जाता है।
जिसके बाद इस गोबर को गौठानों में भेज दिया जाता है। इन गौठानों में महिला स्वयं सहायता समूहों के द्धारा गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तथा सुपर कम्पोस्ट खाद का निर्मांण किया जाता है।
Godhan Nyay Yojana Chhattisgarh के तहत बन रहे हैं ग्रामीण औद्धोगिक पार्क
गोधन न्याय योजना मुख्यमंत्री भूपेश वघेल की सर्वाधिक सफल योजनाओं में से एक है। इस योजना के लांच होने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य में आवारा जानवरों की समस्या समाप्त हो गयी है। यही कारण है कि देश के अन्य राज्य भी गोधन न्याय योजना के मॉडल को अपने अपने राज्यों में अपना रहे हैं।
राज्य के सरकारी आंकड़ों के अनुसार गौठानों से 6 लाख कुंतल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट / सुपर कम्पोस्ट खाद का निर्मांण हो रहा है। इसलिये छत्तीसगढ़ सरकार इन गौठानों को ग्रामीण औद्धोगिक पार्क का रूप देने में जुट गयी है।
सरकार का मानना है कि यदि इन गौठानों से प्रतिवर्ष 20 लाख कुंतल खाद का निर्मांण संभव हुआ तो राज्य को 2000 करोड़ रूपये से अधिक की आय प्राप्त हो सकती है। साथ ही ग्रामीण स्तर पर नये रोजगार का भी सृजन होगा।
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गौधन न्याय योजना की शुरूआत कब हुई?
छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना की शुरूआत 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व के अवसर पर हुई थी।
Godhan Nyay Yojana के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
- CG Godhan Nyay Yojana का मुख्य उद्देश्य राज्य के पशुपालकों की आय में बढ़ोत्तरी करना करना है।
- इस योजना के अमल में आने के बाद से पशु धन की खुली चराई पर रोक लगी है।
- किसानों में जैविक खाद के प्रति झुकाव बढ़ने से रासायनिक खादों के उपयोग में कमी आयेगी।
- खरीफ एवं रबी की फसल सुरक्षा तथा 2 फसल क्षेत्र में विस्तार संभव होगा।
- गौठानों के जरिये ग्रामीण स्थानीय स्तर पर जैविक खाद प्राप्त होगी।
- स्वयं सहायता समूहों को नये प्रकार का रोजगार उपलब्ध कराना।
- गौधन योजना का उद्देश्य भूमि की उर्वरता शक्ति में सुधार करना है।
- जैविक खाद के उपयोग से अनाज, फल तथा सब्जियों में जहरीले अवशेषों में कमी आयेगी।
छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना के लिये जरूरी पात्रता
- इस योजना के तहत केवल छत्तीसगढ़ राज्य के मूल निवासी ही पात्र मानें जाते हैं।
- गौशाला संचालक इस योजना के लिये पात्र मानी जाती हैं।
- ग्रामीण तथा शहरी स्तर के पशुपालक योजना के लिये पात्र व्यक्ति हैं।
Documents Required for Mukhyamantri Godhan Nyay Yojana
- आधार कार्ड
- मूल निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- मतदाता पहचान पत्र
- बैंक खाता पासबुक की फोटोकॉपी (IFSC) कोड सहित
- रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर आदि
CG गोधन न्याय योजना की विशेषतायें
- गोधन न्याय योजना लागू होने के बाद पशुपालक गौवंश को छुटटा नहीं छोड़ेंगें।
- आवारा जानवरों की संख्या में कमी आयेगी।
- राज्य के किसान गायों को पालने के लिये प्रोत्साहित होंगें।
- जो किसान तथा पशुपालक गाय के दूध देना बंद कर देने के बाद जानवरों को घर से निकाल देते हैं, वह इस योजना के शुरू होने के बाद गोबर के लिये अपने घर में ही उन्हें रखने के लिये प्रोत्साहित हुये हैं।
- गोधन न्याय योजना में पंजीयन कराने वाले पशुपालक / किसानों से सरकार 2 रूपये प्रति किलो की दर से गोबर खरीदेगी।
- गोबर बिकने से किसानों को अतिरिक्त आय प्राप्त होगी, जिससे उनके जीवन स्तर में भी काफी सुधार आने की संभावना है।
- पहले चरण में योजना के तहत 2240 गौठान तथा दूसरे चरण में 2800 गौठान का निर्मांण किया गया है। जिससे गोबर की खरीद तथा जैविक खाद के उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गयी है।
- यह देश की अकेली ऐसी योजना है, जिसके तहत गोबर की सरकारी खरीद की जाती है।
- योजना के अस्तित्व में आने के बाद से गांव गांव स्वयं सहायता समूहों को जैविक खाद बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री गोधन न्याय योजना में गोबर खरीद तथा भुगतान प्रक्रिया
- गौठान समितियों के द्धारा पंचायत स्तर पर गोबर की खरीद सुनिश्चित की जायेगी। इसके लिये गौठान समितियां गोबर खरीद के लिये समय सारणी बनायेंगीं।
- गौवंश तथा भैंस वंश का पशुपालन करने वाले पशुपालकों से गोबर खरीद का मूल्य राज्य सरकार अपने स्तर पर निर्धारित करेगी। वर्तमान में गोबर खरीद 2 रूपये प्रति किलो की दर से हो रही है।
- गौठानों में जो गोबर पशुपालकों के द्धारा लाया जायेगा। उसकी प्रकृति हाथ में उठाने लायक अर्धठोस होगी। गोबर तरल रूप या तरल के नजदीक की प्रकृति का नहीं होना चाहिये।
- गोबर खरीद के पहले गोबर को गौठान समिति के द्धारा चेक किया जायेगा। ताकि पता चल सके कि गोबर में प्लास्टिक, मिटटी कांच आदि तो नहीं है।
- पशुपालकों से गोबर की खरीद का विवरण 2 प्रतियों में रखा जायेगा। साथ ही गोबर क्रय पत्रक पर पशुपालक के हस्ताक्षर अनिवार्य रूप से लिये जायेंगें।
- योजना के नियमानुसार गौठानों में केवल अर्द्धठोस प्रकृति का गोबर ही खरीदा जायेगा, इसलिये गोबर को अन्य रूप जैसे कंडा आदि को गोबर मान कर खरीद नहीं की जायेगी।
- गौठानों में बायोमॉस (जैविक अपशिष्ट) किसान / पशुपालक अपनी स्वेच्छा से गौठान को दे सकते हैं, लेकिन इसके लिये किसी भी प्रकार की धनराशि उन्हें नहीं दी जायेगी।
- जो पशु गौठान में रहते हैं, उनके गोबर का स्वामित्व गौठान का होगा, ऐसे में पशुपालकों को गोबर का कोई पैसा नहीं दिया जायेगा।
- गोबर खरीद के बाद गौठान में संग्रहित किया जायेगा तथा CPT में रखा जायेगा। फिर 15-20 दिन बाद जैविक खाद में तब्दील करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी।
- गोबर खरीद के समय गौठान समितियों के द्धारा कैलीबरेटिड फर्मा / तराजू का ही प्रयोग किया जायेगा।
- Mukhyamantri Godhan Nyay Yojana के क्रियान्वयन में 18 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को शामिल नहीं किया जायेगा।
- योजना के तहत गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट / सुपर कम्पोस्ट खाद के निर्मांण के लिये स्वयं सहायता समूहों का चयन नियमानुसार किया जायेगा।
- ग्रामीण क्षेत्र के चरवाहे स्वयं सहायता समूहों के विशेष अंग होंगे।
- योजना का क्रियान्वयन ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य कार्य पालन अधिकारी, जिला पंचायत अधिकारी के द्धारा तथा शहरी क्षेत्रों में आयुक्त / मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगरीय निकाय के द्धारा किया जायेगा।
Godhan Nyay Yojana CG के तहत वर्मी कम्पोस्ट प्रशिक्षण
- गोधन न्याय योजना CG के तहत कलेक्टर के द्धारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक गौठान के लिये एक नोडल अधिकारी के लिये नियुक्ति की जायेगी।
- सबसे पहले वर्मी कम्पोस्ट निर्मांण के लिये स्वयं सहायता समूहों को चिन्हित किया जायेगा, जिसके बाद 2 चक्रों में कृषि विज्ञान केंद्र तथा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। यह प्रशिक्षण जनपद पंचायत के माध्यम से प्रदान किया जायेगा।
- सभी गौठानों में प्रशिक्षण संबंधी सभी कार्यक्रमों का चार्ट बनाया जायेगा।
- राज्य के सभी गौठानों में प्रशिक्षण कार्यक्रम तय समय के भीतर पूरे हों, इसकी जिम्मेदारी जिला कलेक्टर / मुख्य कार्यपालन अधिकारी / जिला पंचायत अधिकारी / उप संचालक कृषि / उप संचालक पशु चिकित्सा अधिकारी की होगी।
- शहरी क्षेत्र में गोधन न्याय योजना प्रशिक्षण शहरी आजीविका मिशन के तहत दिया जायेगा।
गौठानों में गोबर का प्रसंस्करण कार्य कैसे होगा
सबसे पहले गौठान समितियों के द्धारा गोबर की खरीद की जायेगी। इसके बाद स्वयं सहायता समूह उस गोबर को वर्मी कम्पोस्ट / सुपर कम्पोस्ट खाद में तब्दील करेंगें।
यदि गोबर से बने उत्पादों की स्थानीय अथवा शहरी स्तर पर अलग से मांग आती है तो स्वयं सहायता समूह अन्य उत्पाद भी गोबर से बना सकेंगें। (भूपेश वघेल गोबर से बने सूटकेस का प्रयोग बजट 2022 के दौरान कर चुके हैं)
स्वयं सहायता समूहों के द्धारा गोबर, केंचुआ एवं जैविक अवशेष आदि की वर्मी टांका में भराई की जायेगी। जिसके मापदंड व निगरानी उपसंचालक कृषि तथा मैदानी अमलों के द्धारा की जायेगी।
प्रत्येक वर्मी टांका में 15-20 दिन पुराना गोबर ही प्रयोग किया जायेगा। जिससे वर्मी टांका में मौजूद केंचुओं पर गोबर से निकलने वाली गर्मी व मीथेन गैस का बुरा प्रभाव न पड़े।
छत्तीसगढ़ गोधन योजना गोबर क्रय पत्रक क्या है?
छत्तीसगढ़ गोधन योजना गोबर क्रय पत्रक उस दस्तावेज को कहते हैं, जिस कागज पर गोबर खरीद दर्ज की जाती है। गोबर क्रय पत्रक की नमूना प्रति आपकी सुविधा के लिये ऊपर दी गयी है।
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Godhan Nyay Yojana Vermi Compost Khad की पैकिंग कैसे होगी
- गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट खाद बन जाने के बाद खाद से केंचुओं को अलग किया जायेगा, जिसके लिये छलनी का इस्तेमाल करना जरूरी होगा।
- वर्मी कम्पोस्ट खाद बन जाने के बाद पैकेजिंग से पहले कृषि विभाग के उर्वरक नियंत्रक के द्धारा खाद का नमूना लिया जायेगा।
- गौठानों में बनने वाली वर्मी कम्पोस्ट खाद का गुणवत्त परीक्षण तथा पैकेजिंग आदि कार्य स्वयं सहायता समूहों तथा कृषि विभाग के अधिकारियों की देखरेख में संपन्न होंगें।
- पैंकिंग के बाद वर्मी कम्पोस्ट खाद का भंडारण स्वयं सहायता समूहों के द्धारा किया जायेगा।
- वर्मी कम्पोस्ट खाद के नमूना सफल होने पर खाद को 2, 5 व 30 किलो की पैकिंग में पैक किया जायेगा।
- स्वयं सहायता समूहों द्धारा की जाने वाली पैकिंग पर उत्पाद का विवरण प्रिंट कराना अनिवार्य होगा।
वर्मी कम्पोस्ट खाद को बाजार में बेंचनें के नियम
- गौठान में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट खाद को शासन द्धारा निर्धारित दर पर बेंचा जायेगा। वर्तमान में इसे 8 रूपये प्रति किलो की दर से बेंचा जा रहा है।
- गौठान में तैयार वर्मी कम्पोस्ट को व्यपारी भी खरीद सकते हैं, लेकिन यदि किसान इसे खरीदना चाहते हैं तो उन्हें प्राथमिकता दी जायेगी।
- गौठानों से वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय सीधे नहीं किया जा सकता है। सहकारी समितियों के इसके विक्रय की जिम्मेदारी दी गयी है।
- केवल वन विभाग / कृषि विभाग एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रोद्धोगिकी विभाग / नगरीय प्रशासन विभाग / ग्रामोउद्धोग (रेशम) गौठानों में अतिरिक्त वर्मी कम्पोस्ट खाद की सीधी खरीद कर सकते हैं।
गौधन योजना वर्मी कम्पोस्ट टांका निर्मांण कैसे होता है
योजना के नियमानुसार प्रत्येक गौठान में गोबर की उपलब्धता के हिसाब से वर्मी टांका बनाया जायेगा। इस टांके का निर्मांण मनरेगा योजना के माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के द्धारा किया जायेगा। लेकिन शहरी इलाकों में वर्मी टांका निर्मांण का काम नगरीय निकाय के द्धारा किया जायेगा।
वर्मी टांका के निर्मांण के समय प्रत्येक जिले की भौगोलिक स्थिति तथा वातावरण को ध्यान में रखते हुये मापदंड तय किये जायेंगें। ताकि वर्मी टांका में केंचुओं का जीवन प्रभावित न हो सके।
वर्मी टांका 3.6मीटर X 1.5मीटर X 0.75मीटर साइज का होगा। जो मनरेगा योजना के अनुरूप गोबर की उपलब्धता के हिसाब से बनाया जायेगा।
Godhan Nyay Yojana में आवेदन कैसे करें
Godhan Nyay Yojana Me Avedan Kaise Kare : गोधन न्याय योजना में आवेदन करने के लिये आपको गौठान समिति अथवा शहरी क्षेत्र में नगरीय निकाय कार्यालय में संपर्क करना होगा। इस योजना में ऑनलाइन आवेदन की सुविधा मौजूद नहीं है। इसलिये आप इन संस्थानों में संपर्क करें।
आपको गौठान समिति अथवा नगरीय निकाय में योजना से संबंधित फार्म मिल जायेगा। जिसे भर कर आप संबंधित समिति अथवा नगरीय निकाय कार्यालय में जमा कर सकते हैं। इसके अलावा आप गोधन न्याय योजना App डाउनलोड करके भी अपना पंजीयन कर सकते हैं।
गोधन न्याय योजना से संबंधित FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
गोधन न्याय योजना Official Website कौन सी है?
CG गोधन न्याय योजना के लिये अलग से वेबसाइट अथवा पोर्टल को लांच नहीं किया गया है। इस योजना को सीधे गौठान समितियों तथा नगरीय निकायों के द्धारा संचालित किया जा रहा है। आप अधिक जानकारी के लिये नगरीय निकाय की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
क्या आवारा पशुओं को पालने वाले पशुपालकों को इस योजना का लाभ मिलता है?
जी हां, यह इस योजना का मकसद आवारा पशुओं की समस्या को करना है। इसलिये जो किसान आवारा पशुओं को पाल कर उनकी सेवा कर रहे हैं, वह भी योजना के तहत गोबर बेंच कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
CG Godhan Nyay Yojana 2023 के तहत गोबर खरीद का पैसा कैसे मिलता है?
CG Godhan Nyay Yojna के तहत गौठान समितियों के द्धारा पशुपालकों से जो गोबर खरीदा जाता है, उसका भुगतान नकद नहीं दिया जाता है। बल्कि समय समय खरीदे गये गोबर का मूल्य सीधे पशुपालकों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
योजना के तहत बनने वाली खाद को किसान कहां से खरीद सकते हैं?
गौठानों में बनने वाली वर्मी कम्पोस्ट खाद को किसान सहकारी बैंक / सहकारी समितियों के से खरीद सकते हैं।
नगरीय क्षेत्र में गोधन योजना के तहत पशुपालकों का पंजीयन कैसे होता है?
छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्रों में पशुपालकों का पंजीयन नगरीय निकाय कार्यालय के द्धारा किया जायेगा। इसके लिये निर्धारित प्रारूप पर आवेदन पत्र समय समय पर आमंत्रित किये जायेंगें।
गोधन न्याय योजना शिकायत कैसे दर्ज करायें?’
यदि पशुपालकों को गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेंचनें, गोबर का भुगतान में दिक्कत होने पर समूह स्तर, वार्ड प्रभारी स्तर तथा विशेषज्ञ स्तरीय फील्ड कमेटी, आयुक्त / नगरपालिका अधिकारी के समक्ष सीधे शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
छत्तीसगढ़ Godhan Nyay Yojana टोल फ्री नंबर क्या है?
Godhan Nyay Yojana Helpline Number – 1100 है। इस पर पशुपालक अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं अथवा समस्या का समाधान पा सकते हैं।
गोधन न्याय योजना से क्या परिवर्तन आया?
छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बड़ा क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। गांवों में एक नये प्रकार का रोजगार पैदा हुआ है। जिस गोबर को कचरा मान कर पहले फेंक दिया जाता था। अब वही गोबर लोगों की आजीविका का नया साधन बन कर उभरा है। इसके अलावा इस योजना के अस्तित्व में आने के बाद से शहरी इलाकों में आवारा पशुओं की समस्या कम हुई है।
इस योजना के तहत अब तक सरकार ने कुल कितनी धनराशि खर्च की है?
गोधन न्याय योजना के तहत अब तक छत्तीसगढ़ सरकार ने गौठान समितियों, गोबर विक्रेताओं तथा योजना से जुड़े महिला समूहों के बैंक खातों में 300 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि ट्रांसफर की है।
तो दोस्तों यह थी हमारी आज की पोस्ट Godhan Nyay Yojana Panjikaran Kaise Kare – Godhan Nyay Yojana PDF Form Download / आवेदन 2023 यदि आप इस योजना से संबंधित कोई अन्य प्रश्न पूछना चाहते हैं, तो आप हमसें कमेंट बॉक्स के जरिये संपर्क कर सकते हैं।
आम आदमी के लिये अच्छी योजना है।